लगता है पापा बूढ़े हो रहे हैं • अमिताभ • केशव

अमिताभ 'राजहंस" की भावुक कर देने वाली कविता- लगता है पापा बूढ़े हो रहे हैं
कविता- लगता है पापा बूढ़े हो रहे हैं

जो भुजाएं मेरे हाँथो के घेरे में नहीं आती थीं
अब वो मेरी हथेलियों में समा जाती हैं
कम होती आँखों की रोशनी, 
पाँव का दर्द, माथे की झुर्रियाँ
मन में अज्ञात भय की लकीरें जमा जाती हैं
धीरे -धीरे ढीले..मसूढ़े हो रहे हैं
लगता है पापा बूढ़े हो रहे हैं...।।

हाल ही में तो उन्होंने मेले से मुझे 
हरे तोते की मूर्तियां दिलाई थीं
चार रूपये की लिम्का की बोतल 
हम तीनों भाईयों को पिलाई थीं
अभी तो हम स्कूल भी नहीं जाते थे
जब उनकी पीठ पर बैठ गंगा नहाते थे
कितने दिन हुए ?? 
फुटबॉल का पंचर बनवाने
उनकी उँगलियों को पकड़ कर जाते थे
अरे यह क्या...??
सायकल के कल पुर्जे भी टेढ़े हो रहे हैं
लगता है पापा बूढ़े हो रहे हैं.....।।

चाहे सात बजे रंगोली देखते वक्त पकड़े जाना
या मैच के लिए दोस्तों का 
दरवाजे पर आवाज लगाना
कूलर के सामने सोने के लिए 
हम भाइयों का भिड़ जाना
या तकिये की लड़ाई में चौकी से गिर जाना
आम तोड़ने में फट हमारे सिर जाते थे
चाहे दूसरे की स्कूटर लेकर हम कहीं गिर जाते थे...
सब जान के भी पापा हमें धिक्कारते नहीं थे
चाहे जो हो ...पर कभी मारते नहीं थे ।।

पापा हमेशा हमें ऊँचा ख़ाब दिखाते थे
जो चाहा उससे जादा दिया...
पर परिस्थितियाँ ....!! कभी नहीं बताते थे
हमारे साथ बैडमिंटन की चिड़िया भी उड़ाते थे
हम तीनो भाइयों को थकने के बाद भी
लालटेन की रौशनी में पढ़ाते थे...
शायद वो हममें अपने ख्वाब सजाना चाहते थे
अपने पंखों से हमें उड़ाना चाहते ।।
पर ना जाने क्यूँ हमें ये लगता कि...
धूमिल ये ख्वाब थोड़े थोड़े हो रहे हैं
लगता है पापा बूढ़े हो रहे हैं...।।
माँ पिता जी के झगड़े को देखते
हम बड़े हुए हैं
पर आज भी हम अपने 
गाँव से जुड़े हुए हैं ।
माँ को बहोत सी बातें नागवार लगतीं
पर पापा ने सबके स्वार्थ को साधे रखा
सारे दुःख खुद झेले
पर परिवार को बाँधे रखा
पर पापा आपकी मेहनत व त्याग 
ब्यर्थ हो रहे हैं
क्यूँ कि आज के बेटे आप ही के रास्ते पर
चलने में असमर्थ हो रहे है

पहले एक ही कमरे में जीवन था
अब आठ कमरों में जिंदगी सिमट गयी है
जिस रंगोली का सात दिनों तक इंतजार था
अब वो सैकड़ों चैनलों में बँट कर उचट गयी है
आखिर क्यूँ दिन..पे ...दिन
ये फासले चौड़े हो रहे हैं....
लगता है पापा बूढ़े हो रहे हैं ।।
लगता है पापा बूढ़े हो रहे हैं ।।

पापा आपने बचपन में मेरी
आँखों में आँसू नहीँ आने दिए
अब मैं जवानी में रोना नहीँ चाहता
आप फिर से जवान हो जाइए
मैं परिवार को खोना नहीँ चाहता ।।
आज पूरी दुनिया के सामने इजहार करता हूँ
पापा ...पापा...मैं आपसे बहोत प्यार करता हूँ
आपने हमारी सारी ख्वाहिशें पूरी कीं
एक और कर दीजियेगा
आपको मेरी उम्र लग जाय
बस इस फासले को भर दीजियेगा ।।

एक बार फिर से मैं 
तकियों की मार करना चाहता हूँ
एक ही टी वी में .......!!!
रंगोली का इंतजार करना चाहता हूँ ।।

/अमिताभ

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