तुम कौन हो / Tum Kaun Ho

तुम कौन हो



तुम कौन हो?

जो मेरे ख्वाबों में दस्तक देती हो

अपनी एक धुंधली सी छवि छोड़ जाती हो

 

इस शोर में जो तुम चुप सी हो

मेरी शायरीयो में जो तुम गुम सी हो

तुम कौन हो?

जो मेरा नाम गुनगुनाती हों

मेरी कल्पना से परे

इस संसार से परे

मुझे चुरा ले जाती हो

तुम थोड़ा थोड़ा

तुम कौन हो?

जो मुझे प्रेम बंधन में

बांधे जाती हो

 

 

मुझे पुकारती हो

तुम कहकर केशव!

सुनो! कहीं तुम्हे

हुआ प्रेम तो नही?

 

तुम कौन हो?

जो मुझे राधे सी

नजर आती हो

सच कहो

आखिर! तुम कौन हो?


-आदित्या आनंद केशव




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